मुख्यमंत्री
श्री
शिवराज
सिंह
चौहान
ने
कहा
है
कि
मध्यप्रदेश
में
नर्मदा
नदी
के
जल
को
शुद्ध
रखने
के
लिए
1300
करोड़
रुपये
लागत
की
कार्य
योजना
तैयार
की
गई
है।
कार्य
योजना
की
शुरुआत
उद्गम
स्थल
अमरकंटक
से
की
जाएगी।
मुख्यमंत्री
श्री
चौहान
9
जनवरी
में
बांद्राभान
में
तृतीय
अंतर्राष्ट्रीय
नदी
महोत्सव
के
द्वितीय
सत्र
को
संबोधित
कर
रहे
थे।
इस
अवसर
पर
गंगा
समग्र
अभियान
की
सूत्रधार
और
पूर्व
मुख्यमंत्री
सुश्री
उमा
भारती,
नर्मदा
समग्र
के
अध्यक्ष
श्री
अमृतलाल
वेगड़,
संयोजक
श्री
अनिल
माधव
दवे
और
श्री
अतुल
जैन
विशेष
रूप
से
उपस्थित
थे।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
हमारे
देश
में
नदियों
को
पूजा
जाता
है।
उन्होंने
कहा
कि
समाज
की
सहभागिता
के
बगैर
नदियों
का
संरक्षण
संभव
नहीं
है।
किनारों
पर
अवस्थित
गाँवों
में
रहने
वाले
लोग
संकल्प
लें
कि
वे
नदियों
के
जल
को
प्रदूषित
नहीं
करेंगे।
उन्होंने
कहा
कि
राज्य
शासन
अपने
स्तर
पर
तो
नर्मदा
सहित
राज्य
की
सभी
नदियों
को
प्रदूषण
मुक्त
रखने
के
लिए
प्रयत्नशील
है।
इसी
दिशा
में
राज्य
के
सभी
गाँवों
में
मर्यादा
अभियान
के
तहत
15
लाख
शौचालय
के
निर्माण
का
कार्यक्रम
हाथ
में
लिया
गया
है।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
नदियों
के
किनारों
पर
पेड़
कट
जाने
के
कारण
वृक्षों
से
रिसने
वाला
पानी
अब
नदियों
में
नहीं
आ
रहा
है।
इसी
प्रकार
नदियों
के
किनारों
पर
व्यवसायिक
गतिविधियाँ
बढ़
जाने
से
नदियों
के
जीवतंत्र
को
क्षति
पहुँची
है।
मुख्यमंत्री
ने
ग्रामवासियों
को
नदियों
के
किनारों
पर
बड़े
पैमाने
पर
वृक्षारोपण
करने
का
संकल्प
लेने
की
सलाह
दी।
सुश्री
उमा
भारती
ने
कहा
कि
हमारी
संस्कृति
सर्व-समावेशी
है।
नदियाँ
हमारी
जीवनदायिनी
हैं
लेकिन
हम
नदियों
को
कुछ
लौटाते
नहीं
हैं।
सुश्री
भारती
ने
गंगा
समग्र
अभियान
का
उल्लेख
करते
हुए
कहा
कि
नदी
किनारों
पर
सीवेज
के
गंदे
पानी
को
नदियों
में
मिलने
से
रोकने
के
लिए
जल
उपचार
संयंत्र
स्थापित
किये
जाने
चाहिए।
सुश्री
उमा
भारती
ने
कहा
कि
नदियों
के
जल
के
अविरल
प्रवाह
को
बनाए
रखने
के
लिए
वहाँ
होने
वाले
खनन
का
रुकना
भी
जरूरी
है।
श्री
अमृतलाल
वेगड़
ने
कहा
कि
प्राकृतिक
संतुलन
बनाए
रखने
के
लिए
सामाजिक
चेतना
जाग्रत
करना
भी
नर्मदा
समग्र
अभियान
का
उद्देश्य
है।
श्री
वेगड़
ने
कार्यक्रम
के
अंत
में
मुख्यमंत्री
श्री
शिवराज
सिंह
चौहान
को
तथा
श्री
अनिल
माधव
दवे
ने
सुश्री
उमा
भारती
को
स्मृति-चिन्ह
भेंट
किये।
श्री
अनिल
माधव
दवे
ने
कहा
कि
इस
वर्ष
नदी
महोत्सव
की
थीम
‘‘हमारी
नदियाँ,
नीति
एवं
नेतृत्व’’
रखी
गई
है।
श्री
दवे
ने
कहा
कि
नर्मदा
समग्र
अभियान
के
अंतर्गत
राज्य
में
आगामी
10
वर्ष
में
जैविक
और
प्राकृतिक
कृषि
को
बढ़ावा
देने
के
प्रयत्न
किये
जायेंगे।
महोत्सव
में
जन-प्रतिनिधि,
प्रचार
माध्यमों
के
प्रतिनिधि
तथा
देश-विदेश
के
विभिन्न
भागों
से
आए
प्रतिभागी
बड़ी
संख्या
में
शामिल
थे।
http://www.mpinfo.org/mpinfonew/rojgar/2013/1802/other02.asp