चंबल में घडिय़ालों सहित अन्य संरक्षित जलीय जीवों की गणना का काम 27 जनवरी से शुरू हो रहा है। सर्वे की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
भास्कर संवाददाता-!-मुरैना
चंबल में घडिय़ालों की गणना इस बार जनवरी में ही शुरू होने वाली है। आमतौर पर फरवरी के अंत में शुरू होने वाले यह गणना चंबल में होने वाले चंबल एक्सपिडीशन को ध्यान में रखते हुए जल्दी शुरू की जा रही है। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि गणना समय से एक महीने पहले शुरू होने से गणना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
चंबल में घडिय़ालों की वार्षिक गणना इस बार 27 जनवरी से शुरू हो रही है। गौरतलब है कि आमतौर पर यह गणना फरवरी और मार्च माह में होती है लेकिन इस बार चंबल एक्सपिडीशन फरवरी माह में ही आयोजित होना है। ऐसे में वन विभाग का पूरा ध्यान एक्सपिडीशन में रहेगा। यही कारण है कि इस बार सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गणना का कार्य एक्सपिडीशन से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए विभाग ने सर्वे का पूरा खाका तैयार कर लिया है। इस बार सर्वे में पारदर्शिता लाने के लिए एक पत्रकार, एक जूलाजी स्टूडेंट और एक वन्यजीव विशेषज्ञ को सर्वे दल में शामिल किया है, ताकि सर्वे के स्व'छ आंकड़े सामने आ सकें।
सर्वे के लिए ठीक होकर आई एक बोट: वन विभाग के पास अब तक सिर्फ एक ही बोट थी। लेकिन सर्वे को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने अपनी एक और बोट ठीक करा ली है। सर्वे के लिए विभाग को करीब तीन बोटों की आवश्यकता है। इसके लिए अंतिम बोट को भी ठीक कराया जा रहा है। विभाग की मानें तो सर्वे शुरू होने तक उनकी सभी बोटें ठीक हो जाएंगी।
http://www.bhaskar.com/article/MP-OTH-56072-2944434.html
भास्कर संवाददाता-!-मुरैना
चंबल में घडिय़ालों की गणना इस बार जनवरी में ही शुरू होने वाली है। आमतौर पर फरवरी के अंत में शुरू होने वाले यह गणना चंबल में होने वाले चंबल एक्सपिडीशन को ध्यान में रखते हुए जल्दी शुरू की जा रही है। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि गणना समय से एक महीने पहले शुरू होने से गणना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
चंबल में घडिय़ालों की वार्षिक गणना इस बार 27 जनवरी से शुरू हो रही है। गौरतलब है कि आमतौर पर यह गणना फरवरी और मार्च माह में होती है लेकिन इस बार चंबल एक्सपिडीशन फरवरी माह में ही आयोजित होना है। ऐसे में वन विभाग का पूरा ध्यान एक्सपिडीशन में रहेगा। यही कारण है कि इस बार सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गणना का कार्य एक्सपिडीशन से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए विभाग ने सर्वे का पूरा खाका तैयार कर लिया है। इस बार सर्वे में पारदर्शिता लाने के लिए एक पत्रकार, एक जूलाजी स्टूडेंट और एक वन्यजीव विशेषज्ञ को सर्वे दल में शामिल किया है, ताकि सर्वे के स्व'छ आंकड़े सामने आ सकें।
सर्वे के लिए ठीक होकर आई एक बोट: वन विभाग के पास अब तक सिर्फ एक ही बोट थी। लेकिन सर्वे को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने अपनी एक और बोट ठीक करा ली है। सर्वे के लिए विभाग को करीब तीन बोटों की आवश्यकता है। इसके लिए अंतिम बोट को भी ठीक कराया जा रहा है। विभाग की मानें तो सर्वे शुरू होने तक उनकी सभी बोटें ठीक हो जाएंगी।
http://www.bhaskar.com/article/MP-OTH-56072-2944434.html
No comments:
Post a Comment