Monday, December 19, 2011

टेम्स की तर्ज पर होगा यमुना शुद्धीकरण

आगरा, जागरण संवाददाता: यमुना को मूल स्वरूप में भले न लाया जा सके, लेकिन उसकी बदहाली काफी हद तक कम की जा सकती है। यह कहना है पीस इंस्टीट्यूट चैरिटेबल ट्रस्ट (पीआईसीटी) के निदेशक और प्रख्यात पर्यावरणविद् मनोज मिश्र का। वे लंदन के टेम्स रिवर रेस्टोरेशन ट्रस्ट (टीआरआरटी) के सहयोग से कालिंदी को साफ करने के लिए अभियान के तहत दो दिवसीय यात्रा पर आगरा आये हुए थे। हाथी घाट पर यमुना बचाओ आंदोलन के धरनास्थल पर जागरण से वार्ता करते हुए उन्होंने बताया कि फिलहाल बटेश्र्वर के सियांच, फरह के गढ़ाया और शेरगढ़ के अडेया गांवों के नदी तटीय क्षेत्र में नदी शुद्धिकरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीआरआरटी का इस काम में सहयोग अवश्य ले रहे हैं, लेकिन टेम्स और यमुना की तुलना प्रासंगिक नहीं है। फिलहाल उनका उद्देश्य नदी में गंदा पानी जाने से रोकना है। उधर, इंग्लैंड की एक टीम यमुना शुद्धिकरण अभियान के लिये मंगलवार को बटेश्वर पहुंच रही है। यह नदी संरक्षण के अलावा जल जीवों की स्थिति का आकलन भी करेगी। डब्लूडब्लूएफ इंडिया के स्थानीय कन्वीनर आरपी सिंह के अनुसार संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा टेम्स के अनुभवों के आधार पर यहां के लिये भी कार्ययोजना बनायी जायेगी। नदी तालमेल परियोजना यमुना के दोनों ओर के भागों को प्रदूषण मुक्त व व्यवस्थित करने के उद्देश्य से जो काम किए जाने हैं, उनमें स्थानीय कार्यशील लोगों को अभियान से जोड़ना, तटीय क्षेत्रों में रहने वाले समूहों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना मुख्य है।

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