Monday, April 11, 2011

जल सम्मेलन और जल संसद का होगा आयोजन

जलाभिषेक अभियान से लोगों को जोड़ने के लिये प्रदेश के सभी 50 जिलों में जल संसद और जनपद जल सम्मेलनों का आयोजन किया जायेगा। इसमें जिलों के प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक, जनपद पंचायत के पदाधिकारी, जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाली ग्राम पंचायतों के सरपंच, वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाओं, समाचार पत्रों और जल संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में रुचि रखने वाले लोगों को इसमें आमंत्रित किया जायेगा।
पंचायत, ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिला जल संसद एवं जनपद जल सम्मेलनों में संबंधित जिले में जलाभिषेक अभियान के दौरान अभी तक हुए कार्यों की प्रगति और उनके परिणामों का आकलन किया जायेगा। पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए और ऐसे क्षेत्रों की पहचान भी की जायेगी जहां कि जल संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता है। इसके लिये रणनीति तैयार की जायेगी, स्वरूप का निर्धारण किया जायेगा, कार्य योजना बनाई जायेगी और सामाजिक जुड़ाव के लिये किये जाने वाले प्रयासों को भी निर्धारित किया जायेगा।
जिला जल संसद एवं जनपद जल सम्मेलन में पिछले जलाभिषेक अभियान के दौरान भागीरथ कृषकों द्वारा किये गये कार्यों की प्रगति का अंकेक्षण और उनके प्रभावों का भी विश्लेषण किया जायेगा तथा अगले वर्ष के लिये भागीरथ कृषकों का चिन्हांकन तथा उन्हें स्वयं के संसाधनों से जल संरक्षण कार्यों के कार्यान्वयन के लिये प्रोत्साहित करने की रणनीति एवं प्रक्रिया का भी निर्धारण किया जायेगा। लघु एवं सीमांत कृषकों द्वारा समूह बनाकर स्वयं के प्रयासों से किये जाने वाले सामूहिक जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य भी जिला जल संसद एवं जनपद सम्मेलनों में तय किये जायेंगे।

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